दीप – स्तुतिः (Deep Jyoti Mantra) दीप मंत्र सबसे महत्वपूर्ण मंत्र माना जाता है और लगभग सभी विद्यालयों में दीप प्रज्वलन के समय दीप मंत्र का गायन किया जाता है कहा जाता है कि दीप मंत्र बोलने से आपकी आंखों की रोशनी बढ़ती है.
तथा दीप मंत्र से आपके समस्त पाप दूर हो जाते हैं तथा आप को रोगमुक्त रखती हैं इससे आपकी बुद्धि भी तेज होती है साथ ही साथ आपको प्रफुल्लित करती है और सभी तरीके की द्वेष बुद्धि का विनाश करती है इस तरीके से दीप मंत्र बोलने से आप में ऊर्जा का संचार होता है नीचे दिए गए लिंक से आप Deep Jyoti Download कर सकते हैं जिसमें आपको दीप मंत्र के साथ साथ इसका अनुवाद भी मिल जाएगा।
Contents
दीप ज्योतिः मंत्र
हिंदू धर्म में दीपक को बहुत ही सम्मान दिया जाता है क्योंकि नियमित दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचालन होता है ऐसा माना जाता है कि हमेशा अपने आसपास एक जलता हुआ दीपक अवश्य रखना चाहिए इस से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है, ऐसा माना जाता है कि देवी देवताओं को दीपक की रोशनी बहुत ही प्रिय होती है इसलिए दीपक जलाना शुभ है. दीपक को भगवान की प्रतिमा के सामने लगाना चाहिए और इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि दीपक बीच में कभी भी बंद ना हो.
शुभं करोति कल्याणमारोग्यं धनसंपदा ।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ॥śubhaṃ karoti kalyāṇamārogyaṃ dhanasaṃpadā .
śatrubuddhivināśāya dīpajyotirnamo’stute ..The grantor of auspices, welfare, health, wealth and prosperity, salutation to you o flame of the lamp, for the destruction of the thought of enmity
दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः ।
दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ॥dīpajyotiḥ parabrahma dīpajyotirjanārdanaḥ .
dīpo haratu me pāpaṃ dīpajyotirnamo’stute ..Deepa-Jyothi is the supreme Brahman, Deepa-Jyothi is Janardhana. May the divine lamp eradicate my sins. Salutations to the divine lamp of the evening.
Deep Mantra Lyrics in Sanskrit
दीपज्योतिः परं ज्योतिः , दीपज्योतिर्जनार्दनः ।
दीपो हरतु मे पापं , दीपज्योर्तिनमोऽस्तुते ॥
शुभं करोतु कल्याणम् , आरोग्यं सुखसम्पदः ।
द्वेषबुद्धिविनाशाय , आत्मज्योतिः नमोऽस्तुते ॥
आत्मज्योतिः प्रदीप्ताय , ब्रह्मज्योतिः नमोऽस्तुते ।
ब्रह्मज्योतिः प्रदीप्ताय , गुरुज्योतिः नमोऽस्तुते ।।
सबसे पहले दीपक जलाएं और आंख बंद करके दीप मंत्र का उच्चारण करें तथा अंत में कहे मातृ प्रणाम 1,2,3
Deep Mantra Lyrics in English
Deepjyoti Paramjyotih Deepjyotirjanardanam
Deepo Haratu Me Papam Deepjyotirnamostute
Shubham Karoti Kalyanam Arogyam Sukhsampadah
Dwesh Buddhi Vinashaya Deepajyotirnamostute
Aatmjyotih Pradiptaayh Brahmajyotih Namostute
Brahmajyotih Pradiptaya Gurujyotih Namostute
दीप प्रज्वलन मंत्र: शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् (Deep Prajwalan Mantra: Shubham Karoti Kalyanam Aarogyam)
Deepa Jyoti Mantra मंत्र सबसे महत्वपूर्ण मंत्र माना जाता है और लगभग सभी स्कूल या फिर शुभ कार्य के आरम्भ में दीप प्रज्वलन के समय दीप मंत्र का गायन किया जाता है ऐसी भी मान्यता है कि दीप मंत्र बोलने से आपकी आंखों की रोशनी बढ़ती है.
Deepa Jyoti Stotram – दीपज्योतिः
अर्थ : शुभ एवं कल्याणकारी, स्वास्थ्य एवं धनसंपदा प्रदान करनेवाली तथा शत्रुबुद्धि का नाश करनेवाली, हे दीपज्योति, मैं तुम्हें नमस्कार करता हूं ।
अर्थ : दीप का प्रकाश परब्रह्म स्वरूप है । दीप की ज्योति जगत् का दुख दूर करनेवाला परमेश्वर है । दीप मेरे पाप दूर करे । हे दीपज्योति, आपको नमस्कार करता हूं ।
हे दीपज्योति ! तू हमारा शुभ करनेवाली, कल्याण करनेवाली, हमें आरोग्य और धनसंपदा देनेवाली, शत्रुबुद्धि का विनाश करनेवाली है । दीपज्योति, तुझे नमस्कार ! तू परब्रह्म है, तू जनार्दन है, तू हमारे पापों का नाश करती है, तुझे नमस्कार !
श्लोकपाठ के लाभ
‘शुभं करोति कल्याणम् …’ जैसे श्लोक बोलने से दीप की स्तुति द्वारा अनिष्ट शक्तियों को निरस्त करने का मारक कार्य साध्य किया जाता है ।’
दीप जलाने के उपरांत स्तोत्र पाठ करने से बच्चों की स्मरण शक्ति बढती है, वाणी शुद्ध होती है एवं उच्चारण भी स्पष्ट होने में सहायता मिलती है ।’
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाया जाता है। सुबह-शाम होने वाली पूजा में भी दीपक जलाने की परंपरा है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, दीपक जलाते समय 1 मंत्र बोलना चाहिए-
मंत्र
दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति: जनार्दन:।
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नामोस्तुते।।
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां।
शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति।।
ये मंत्र बोलने से मिलते हैं ये 3 फायदे
- धर्म ग्रंथों के अनुसार, दीपक जलाते समय ये मंत्र बोलने से शत्रुओं का नाश होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- ये मंत्र बोलने से आरोग्य यानी अच्छा स्वास्थ्य तो मिलता ही है साथ ही धन-संपत्ति में भी वृद्धि होती है।
- इस मंत्र को बोलने से पापों का नाश होता है और शुभ फलों की प्राप्ति भी होती है।